पाठ संख्या-2 (ओ३म् की महिमा )
प्रश्न -1 भगवान् का सर्वश्रेष्ठ नाम क्या है ?
उत्तर-1 भगवान् का सर्वश्रेष्ठ नाम ओ३म् है |”है यही अनादी नाद निर्विकल्प निर्विवाद “|
प्रश्न-2 वाणी में पवित्रता किसके जाप से आती है ?
उत्तर-2 वाणी में पवित्रता ओ३म् नाम के जाप से आती है |
प्रश्न-3 जगत का अनुपम आधार कौन है ?
उत्तर-3 जगत का अनुपम आधार ओ३म् है |
प्रश्न-4 मन मन्दिर की ज्योति का प्रकाश पुंज कौन है ?
उत्तर-4 मन मन्दिर की ज्योति का प्रकाश पुंज ओ३म् है |
प्रश्न-5 ओ३म् नाम को प्राप्त कर लेने पर मनुष्य की कैसी निष्ठा बन जाती है ?मगन हो जाता है |
उत्तर--5 ओ३म् नाम को प्राप्त कर लेने पर मनुष्य की एसी निष्ठा बन जाती है कि-वह लाख को छोड़ कर ओ३म् नाम के जाप में मगन हो जाता है |
प्रश्न -6 ओ३म् शब्द की व्याख्या कीजिए
उत्तर-6 ओ३म् नाम सबसे बड़ा इससे बड़ा ना कोय |
जो इसका सुमिरन करे शुद्ध आत्मा होय ||
ईश्वर नें सारी सृष्टि को बनाया है | वही इसका पालन करता है और अन्त में समेट लेता है | ओ३म् शब्द में तीन अक्षर है अ उ और म | ये तीन अक्षर ही तो सृष्टि के आदि मध्य और अन्त के द्योतक हैं | यही ओम् सबका प्राण है | सृष्टि का सबसे पहला नाद ओ३म् था | मानव का यही आदि मध्य अन्त है | यही परमेश्वर का उसका अपना निज नाम और सर्वोत्तम नाम है |
प्रश्न -7 गुरु नानकदेव जी नें ओम् के विषय में क्या कहा है ?
उत्तर-7 श्री गुरू नानक देव नें ओम् के विषय में कहा है कि-
“ एक ओंकार सत् नाम कर्ता पुरख “ = अर्थात् ओम् और ओंकार दोनों का तात्पर्य एक है |
प्रश्न-8 ओ३म् नाम का महत्व स्पष्ट कीजिए ?
उत्तर-8 ओ३म् नाम सर्वानन्द निधान करते वेद बखान | ओ३म् नाम के जाप से मनुष्य धर्म अर्थ काम और मोक्ष का स्वामी बन जाता है | वाणी में पवित्रता आती है | ओम् के जाप से मनुष्य की सभी कामनाएँ पूर्ण हो जाती है | ओम् ही तो सारे जगत का आधार है | ओम् नाम के जाप से रसना रसीली हो जाती है | ओम् नाम का जाप करने वाला मनुष्य जीवन में कभी भी निराश नहीं होता है | निश्चित रूप से ओ३म् का मानसिक जाप हृदय में ज्योति प्रकट करता है | कहा भी गया है –“ जबहिं नाम हृदय धर् यो भयो पापको नाश जैसे चिनगी आग की पड़ी पुरानी घास ” ||
No comments:
Post a Comment